लखनऊ, अगस्त 4 -- लखनऊ, प्रमुख संवाददाता सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि स्कूलों के जर्जर भवनों में या उसके करीब किसी भी प्रकार के शैक्षणिक कार्य नहीं कराए जाएंगे। चिन्हांकित जर्जर या निष्प्रयोज्य ढांचे जिनके सत्यापन, मूल्यांकन, नीलामी, ध्वस्तीकरण की कार्यवाही किन्हीं कारणों से अब तक पूर्ण नहीं हो पाई है, ऐसे भवनों के चारों ओर के बाहरी दीवारों पर मध्य में बड़े-बड़े अक्षरों में लाल रंग के पेंट से दूर से ही पठनीय हिन्दी में 'निष्प्रयोज्य शब्द अंकित कराने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा के अधीन संचालित परिषदीय विद्यालय परिसरों में अवस्थित जीर्ण-शीर्ण ढांचों का निरन्तर निरीक्षण कराते हुए चिन्हांकन बाद तकनीकी समिति से सत्यापन कराने की सतत् प्रक्रिया पिछले कई वर्षों से जारी है। नि...