नई दिल्ली, जून 29 -- स्कंद पुराण में एक अध्याय में रोज के कामों के बारे में कुछ नियम बताए गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इन शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करता है। वह सुखी रहता है। यहां हम भी आपके उन नियमों से कुछ नियमों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको रोज की लाइफ में मानना चाहिए। स्कंदपुराण में कहा गया है कि देवताओं और पितरों को तृप्त किए बिना हमें अन्न ग्रहण नहीं करे। जो लोग अपने घर श्राद्ध करके फिर दूसरे घर भोजन करता है, उसे श्राद्ध का फल नहीं मिलता ओर भोजन करने वाला भी पाप का भागी बनता हे। दूसरे के पहने हुए कपड़े ओर जूते न पहनें, टूटे हुए बर्तन में भूलकर भी खाना नहीं चाहिए। चतुर्दशी, अष्टमी, अमावस्या ओर पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्यका पालन करें। सच बोलें, प्रिय बोलें, अप्रिय सत्य कभी न बोलें, प्रिय भी असत्य हो तो न बोल...