कन्नौज, नवम्बर 24 -- छिबरामऊ, संवाददाता। उसे क्या पता था कि सही बात कहने की उसकी बीमार मां को इतनी बड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी। यह मालूम होता तो शायद मां की देखरेख में अस्पताल में मौजूद बेटी राज्य महिला आयोग की सदस्य से बाहर से दवाएं मंगाए जाने की शिकायत नहीं करती। अब उसकी मां घर पर जिंदगी और मौत से जूझ रही है। अस्पताल ने उन्हें जबरन निकाल दिया है। मैनपुरी जनपद के दुर्जनपुर गांव निवासी युवती लक्ष्मी ने यह कहानी बताते हुए कहा कि उसे यह सब नहीं पता था कि सही बात कहने की इतनी बड़ी सजा उसकी मां को मिलेगी। उसने बताया कि उसकी मां गंभीर बीमारी से जूझ रही है। उन्हें पिछले माह की 22 तारीख को सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनका इलाज डॉक्टर संतोष मिश्रा की देखरेख में चल रहा था। 19 नवंबर को राज्य महिला आयोग की सदस्य पुष्पा पांडेय ने अस्पता...
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