लखनऊ, मार्च 1 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता सोशल मीडिया आज हमारे जीवन के प्रत्येक हिस्से में दाखिल हो चुका है, हमारी गतिविधियों को नियंत्रित कर रहा है लेकिन इसे मीडिया नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसमें कोई गेटकीपर नहीं है। कोई संपादक नहीं। सब कुछ निर्बाध है। ये विचार वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी ने जन विचार मंच लखनऊ की ओर से यूपी प्रेस क्लब हुई सोशल मीडिया कितना प्रभावी? विषयक गोष्ठी में रखे। रामदत्त त्रिपाठी ने कहा कि सोशल मीडिया के बहुत से नकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं जैसे अवसाद, मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव और व्यसन की आदतें। प्रतुल जोशी के संचालन में हुई संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह ने कहा पूरे विश्व में तीन अरब से ज्यादा की आबादी फेसबुक से जुड़ी है। भारत में 35 करोड लोग सोशल मीडिया की पहुंच में हैं, यहां व्हाट्सएप की...