दिल्ली, जून 3 -- एक खास समुदाय के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर बहस छिड़ गई है.लोगों का कहना है कि कुछ मामलों में पुलिस ज्यादा सक्रिय नजर आती है.शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी की घटना भले ताजा हो, बीते महीने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद सोशल मीडिया पर कथित पाकिस्तान समर्थक पोस्ट डालने के आरोप में गिरफ्तारी कोई नई बात नहीं है.इससे पहले अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली ख़ान महमूदाबाद की गिरफ्तारी ने भी काफी सुर्खियां बटोरी थी.बाद में उनको सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई थी.शिकायत करने वाले के खिलाफ भी एफआईआरशर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद अभिव्यक्ति की आजादी पर बहस तेज हो गई है.उसे गुरुग्राम से गिरफ्तार कर कोलकाता लाया गया.अदालत ने उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया...