कार्यालय संवाददाता, दिसम्बर 14 -- वेतन के लिए किरानी से नहीं निगरानी से मिलिए। प्रधान शिक्षक पद पर योगदान देने के बाद से ही वेतन नहीं मिल रहा। ना जाने विभाग कब सुध लेगा। ऐसी बातें सोशल मीडिया के ग्रुप पर चैटिंग करना शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सोशल मीडिया पर बनाए गए समूह में असंतोष जताने की कीमत शिक्षकों को चुकानी पड़ रही है। ग्रुप पर साथियों संग की गई चर्चा के लिए उनसे शिक्षा विभाग उनसे स्पष्टीकरण मांग रहा है। ऐसे पांच मामले सिर्फ पटना जिले में मिले हैं। शिक्षकों द्वारा सोशल मीडिया पर बनाए गए ग्रुप और उसकी गतिविधियों पर शिक्षा विभाग की नजर है। ग्रुप में विभाग की आलोचना करने पर पटना जिले में एक महीने के अंदर ही पांच ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां शिक्षकों के निजी वाट्सएप ग्रुपों में की गई आपसी बातचीत ही उन पर भारी पड़ गई है। म...