गोपालगंज, नवम्बर 7 -- मांझागढ़,एक संवाददाता। विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद गहमागहमी अब थम चुकी है। मतदाताओं का फैसला अब ईवीएम की मशीनों में कैद है। हर प्रत्याशी की नज़र उस क्षण पर टिकी है, जब मतगणना के बाद किस्मत के दरवाज़े खुलेंगे। प्रत्याशियों के खेमों में बेचैनी और जोश-दोनों झलक रहे हैं। दोनों दलों के समर्थक सोशल मीडिया पर अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बरौली विधानसभा की लड़ाई महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की है। हार-जीत का अंतर बेहद कम रहने की संभावना जताई जा रही है। मतदान प्रतिशत पहले की तुलना में थोड़ा अधिक रहा। महिला मतदाताओं की भागीदारी भी उत्साहजनक रही। लेकिन जनता की जुबान पर एक सवाल बार-बार सुनाई देता है। अब सबकी निगाहें मतगणना की तारीख़ पर टिकी हैं, जब न केवल प्रत्याशियों का भाग्य खुलेगा...