पिथौरागढ़, अगस्त 17 -- कैसे हुआ पुस्तकों से लगाव, क्या आया जीवन में बदलाव विषय को लेकर युवाओं, पाठक, लेखक, शिक्षकों के बीच परिचर्चा हुई। जिसमें सोशल मीडिया के युग में किताबों के अध्ययन पर जोर दिया गया। वक्ताओं का कहना है कि किताबें इतिहास व विभिन्न सभ्यताओं, संस्कृतियों को समझने का अवसर देती हैं। रविवार को बाराबीसी सामुदायिक पुस्तकालय की ओर से पुस्तकों के लगाव को लेकर ऑनलाइन परिचर्चा हुई। जिसमें बोलते हुए मनोहर चमोली 'मनु ने कहा कि किताबें हमें सहिष्णु बनाती हैं और सोचने-समझने का संतुलित दृष्टिकोण देती हैं। दिनेश कर्नाटक ने बताया कि किताबें ही जीने का साहस और समय को समझने की दृष्टि देती हैं। वरिष्ठ पत्रकार पूरन बिष्ट ने कहा कि पढ़ना जरूरी है लेकिन असल बदलाव जीवन के कर्म से आता है। पुस्तकालय प्रभारी करन तिवारी ने कार्यक्रम के समापन पर सभी ...