औरंगाबाद, जून 18 -- किसान नेता कामता प्रसाद कुशवाहा ने सोन नहर प्रणाली और इंद्रपुरी बराज के शीघ्र आधुनिकीकरण की मांग सरकार से की है। उन्होंने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि नौ जिलों की जीवनरेखा मानी जाने वाली यह नहर प्रणाली अब जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है, जिससे किसानों की फसलों की सिंचाई बाधित हो रही है। कहा कि औरंगाबाद, गया, अरवल, जहानाबाद, पटना, रोहतास, भोजपुर, बक्सर और कैमूर जिलों में यह नहर प्रणाली किसानों के लिए संजीवनी मानी जाती है, लेकिन इसका निर्माण वर्ष 1875 में हुआ था और अब इसकी उम्र 100 वर्षों से भी पार हो चुकी है। आज तक इसकी समुचित मरम्मत या आधुनिकीकरण का कार्य नहीं किया गया है। यदि सरकार ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया तो जल्द ही आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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