लोहरदगा, फरवरी 22 -- भंडरा, प्रतिनिधि। रात को देर तक काम से जुड़े कम्युनिकेशन में उलझे रहने से हमारा मन लगातार काम के बारे में सोचता रहता है, जिससे हमारी नींद प्रभावित होती है। भंडरा के चट्टी स्थित ब्रह्मकुमारीज पाठशाला में उक्त बातों की जानकारी लोगों को दी गई। पाठशाला में बताया गया कि हमें यह तो पता है कि हमारी तकनीक का उपयोग नियंत्रण से बाहर हो रहा है और यह हमारे दैनिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, फिर भी हम इसे छोड़ने में हिचकिचाते हैं। पहले, जब तकनीक का इतना प्रभाव नहीं था, तब काम से लौटने के बाद हमारा समय हमारे परिवार और स्वयं के लिए होता था। लेकिन अब हमारा मन रात देर तक, सुबह जल्दी और छुट्टियों में भी लगातार काम से ही जुड़ा रहता है। हम लगातार ईमेल चेक करते हैं, कॉल्स करते हैं या मैसेज का जवाब देते हैं। सोने से ठीक पहले काम से...