नई दिल्ली, जुलाई 14 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2003 में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या के लिए चार लोगों उम्रकैद बरकरार रखी और उन्हें राज्यपाल के समक्ष क्षमादान मांगने की अनुमति दी। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि दोषी, जिन्होंने 2003 में युवा अवस्था में अपराध किया था और उनकी रगों में 'एड्रेनालाईन दौड़ रहा था, अब अधेड़ उम्र के हो गए हैं। अदालत ने कहा कि चूंकि हम रिकॉर्ड में मौजूद सबूतों की पर्याप्तता से संतुष्ट हैं, हालांकि विभिन्न कारणों से, हम हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखने के लिए इच्छुक हैं। इसलिए, पीठ ने हाईकोर्ट द्वारा दी गई उम्रकैद बरकरार रखी। शीर्ष अदालत ने कहा कि चार आरोपियों में से दो घटना के समय किशोर थे, जबकि पीड़िता की मंगेतर ने मुश्किल से उस दौर को प...