प्रमुख संवाददाता, नवम्बर 15 -- कभी जिंदगी में ऐसा वक्त भी आता है, जब अचानक किस्मत ऐसा दरवाजा खोल देती है, जिसकी कल्पना भी कभी नहीं होती है। कानपुर के बर्रा निवासी सुनित सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। किन्हीं वजह से वायुसेना से बाहर होने के बाद उनकी दुनिया बिखर सी गई थी। घर चलाने की चिंता, सामाजिक दबाव और आर्थिक तंगी ने उन्हें उस मोड़ तक पहुंचा दिया, जहां वह अपने 1600 रुपये वाले सैलरी बैंक खाते तक को भूल गए। जिंदगी का वह भूला हुआ पन्ना 14 साल बाद उस समय पलटा, जब बैंक अधिकारी उनके दरवाजे पर पहुंचे। उन्हें बताया कि उनके पुराने खाते में 22 लाख रुपये जमा हैं। फिर जो हुआ, वह पूर्व वायु सैनिक के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं रहा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से एमएसएमई संस्थान कार्यालय में अलग-अलग बैंकों के निष्क्रिय खातों का समाधान करने के लिए आय...