गोंडा, जून 29 -- गोण्डा, संवाददाता। हाजी सैयद गजनफर हुसैन के इमामबाड़े में आयोजित मजलिस के दौरान सैयद रजा हुसैन रिजवी ने किबला की तब्दीली से जुड़ा इस्लामी इतिहास बयान किया। उन्होंने कहा कि इस्लाम के आरंभिक दौर में मुसलमान नमाज़ के लिए मस्जिदे अक्सा की तरफ रुख करते थे। लेकिन एक रोज़ हज़रत मोहम्मद साहब जब नमाज अदा कर रहे थे और दो रकअतें पूरी कर चुके थे, तभी अल्लाह का हुक्म लेकर हज़रत जिब्रील हाज़िर हुए। उन्होंने पैगम्बर-ए-इस्लाम से कहा कि अब काबा शरीफ को किबला मुकर्रर किया गया है। हजरत मोहम्मद साहब ने उसी वक्त नमाज के दौरान काबा की तरफ रुख बदल लिया और शेष दो रकअतें नए किबले की जानिब अदा कीं। उन्होंने कहा यह घटना इस्लामी इतिहास का अहम मोड़ है, जो मुसलमानों की एकता और तौहीद का प्रतीक है।

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