दरभंगा, मई 17 -- दरभंगा। भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी का लंबा इतिहास रहा है। 2025 में भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति के 32 साल पूरे हो रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने जब आजाद हिंद फौज का गठन किया तो उसमें झांसी की रानी के नाम पर एक महिला रेजिमेंट थी, जिसने बर्मा में इंपीरियल जापानी सेना के साथ लड़ाई में सक्रिय युद्ध देखा था। यह सैन्य अभियानों में महिलाओं के योगदान के महत्व को दर्शाता है। लनामिवि के पीजी अंग्रेजी विभाग में शनिवार को 'भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका विषयक सेमिनार को संबोधित करते हुए मानविकी संकायाध्यक्ष सह अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. मंजू रॉय ने ये बातें कही। प्रो. राय ने कहा कि सालों तक दुनियाभर की सेना में सिर्फ पुरुष ही शामिल थे, लेकिन जैसे-जैसे दुनिया आगे बढ़ी, यह चलन बदल गया। महिलाओं ...