हरिद्वार, जुलाई 25 -- भारतीय ज्ञान परंपरा के पुनरुत्थान और सैनिकों के समग्र स्वास्थ्य एवं कौशल विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि अनुसंधान संस्थान और बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर (बीईजी), रुड़की के बीच शुक्रवार को एक समझौता पर हस्ताक्षर किए गए। पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली से उत्पन्न तनाव, चिंता और अवसाद ने हमारे देश के प्रहरियों की दिनचर्या को भी प्रभावित किया है। ऐसे में योग और आयुर्वेद उनके लिए एक सकारात्मक समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं। यह एमओयू न केवल सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि समाज के अन्य वर्गों के लिए भी आदर्श बनेगा।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...