अमरोहा, सितम्बर 2 -- नगर में आठ रबीउल-अव्वल सोमवार को मुहर्रम का आखिरी जुलूस चुपताजिया यानी जुलूस-ए-अमारी बरामद हुआ। इमामबारगाह दादे हिमायत अली में मजलिस हुई, जिसमें मर्सियाखुवानी मास्टर नईमुल हसन और हमनवा ने की। मजलिस को सफी मुक्तदा ने खिताब करते हुए कहा कि रसूल की औलाद का काफिला कर्बला, कूफा व शाम की दर्दनाक मुसीबतें उठाने के बाद अपने वतन मदीना पहुंचा और सबसे पहले रसूल के रौजे पर जाकर हाजिरी दी। मजलिस के बाद मोहम्मद अब्बास के मकान से जुलूस-ए-अमारी बरामद हुआ, जिसमे ऊंटों पर अमारियां, जुलजनाह व अलम शामिल थे। जुलूस तयशुदा रास्तों से होता हुआ अपने मकाम पर जाकर संपन्न हुआ। बिहार से तशरीफ लाए मौलाना वफा हैदर ने तकरीर की। सवारी अरीब हैदर, सफदर अली, मिसाल अब्बास जबकि नोहे मुहम्मद अब्बास, मुहम्मद हैदर आदि ने पढ़े।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति स...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.