हमीरपुर, दिसम्बर 1 -- मुस्करा, संवाददाता। कस्बा का ऐतिहासिक हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल गुदरिया बाबा सैंरों मेला का मुख्य कार्यक्रम सोमवार को कोतवाली जुलूस के साथ प्रारंभ हो गया। जिसको देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। बता दें कि यह मेला 605 वर्ष पुराना है। जो प्रतिवर्ष अगहन सुदी छठ से खेल तमाशा के साथ शुरू होता है। छठ को नट-बिढ़िया निकलते हैं, दूसरे दिन चोर निकलते है, तीसरे दिन दिवारी होती है,चौथे दिन धुबयाई होती है, पांचवें दिन पमारो निकलता है, छठवें दिन मुख्य कार्यक्रम कोतवाली होता है। कोतवाली नामक कार्यक्रम का जुलूस सोमवार की दोपहर मुस्करा कस्बे के मुहल्लों से होते हुए निकला। इसमें बनरा, नागा, काली, वहकटा आदि तमाशे निकलते हैं। राम दल में बंदर, हनुमान का रूप व काली का स्वांग सीता की शक्ति का द्योतक है। नागा और वहकटा को रावण का राक्षसी दल बत...