आगरा, जुलाई 9 -- आज गुरु पूर्णिमा है। अपने गुरुओं को नमन-वंदन और सम्मानित करने को शिष्य उन तक पहुंचेंगे, आशीर्वाद भी लेंगे। लेकिन एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु जिन्होंने आगरा में सैकड़ों पुरोहित तैयार किए। जो ईसाई समाज के लिए तो सम्मानीय थे ही। हर समाज में अपनी सहभागिता दर्ज कराते रहे। गुरु पूर्णिमा से एक दिन पूर्व उन्होंने अंतिम सांस ली। यहां बात कर रहे हैं आध्यात्मिक गुरु फादर मून की। जिन्होंने लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। फादर मून का जन्म 21 अक्टूबर 1964 को पादरी टोला में हुआ था। उनका झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की ओर था। जिसके चलते पढ़ाई करते-करते ही वे पुरोहित बने। उन्होंने सबसे पहले अनाथ बच्चों के लिए काम करना शुरू किया। इसके बाद सेंट लॉरेंस सेमिनरी में पुरोहितों को पढ़ाया। उनके पढ़ाए हुए छात्र पुरोहित भ...