औरंगाबाद, सितम्बर 7 -- वेतनमान सहित विभिन्न मांगों को लेकर कार्यपालक सहायकों का आंदोलन पांचवें दिन भी जारी रहा। रविवार को बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा के बैनर तले दानी बिगहा में धरना दिया गया। पूर्व जिलाध्यक्ष भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि जिला स्तर पर लिखित परीक्षा एवं टाइपिंग जांच के आधार पर मेधा सूची बनाते हुए बहाली की गई थी। इस दौरान आरक्षण रोस्टर का भी पालन किया गया है। कार्यपालक सहायक 14-15 सालों से कार्य कर रहे हैं जिससे सभी विभाग के कार्यों में गति आई है। ऑनलाइन सेवा के तहत कार्यों के निष्पादन में कार्यपालक सहायकों की अहम भूमिका रही है, परंतु अब तक हमारा सेवा संवर्ग का गठन नहीं किया गया है। विभिन्न विभागों में कार्यरत सभी कर्मियों का 60 प्रतिशत तक मानदेय बढ़ा दिया गया है लेकिन कार्यपालक सहायकों के वेतन में किसी तरह का इजाफा नहीं कि...