प्रयागराज, मई 5 -- प्रयागराज। धूमनगंज की रहने वाली कविता के पिता की चार साल पहले वर्ष 2021 में कोरोना से मृत्यु हो गई थी। 16 साल की कविता की मां की मृत्यु वर्ष 2017 में बीमारी के कारण हुई थी। जिस वक्त पिता की मौत हुई कविता खुद टीबी पीड़ित थी। ऐसे में पिता की सेवा का अवसर भी ठीक से नहीं मिल सका। माता-पिता का साया सिर से उठने के बाद उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। सरकारी मदद मिली तो कविता ने पढ़ाई की। आज वह जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है। कविता नर्स बनकर बीमारों की सेवा करना चाहती है। आज से चार साल पहले कोरोना की दूसरी लहर को शायद ही कोई भूला हो। जिले में 453 ऐसे बच्चे थे, जिन्होंने अपने माता या पिता को खो दिया था। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने इन बच्चों की मदद की तो आज इसमें से 71 बच्चे या तो अपने पा...
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