दरभंगा, मार्च 16 -- बेहिसाब टारगेट और ऑनलाइन निगरानी से सेल्स रिप्रेजेंटेटिव आक्रोशित हैं। इनका दर्द है कि जितना काम करते हैं, कंपनी उतना ही टारगेट बढ़ा देती है। इस कारण रोज 12-14 घंटे काम करना पड़ता है। बदले में कंपनी ओवरटाइम भी नहीं देती है। निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं होता है तो कंपनी के अधिकारी वेतन काट लेते हैं। इस वजह से सेल्स रिप्रजेंटेटिव का मानसिक तनाव बढ़ा हुआ है। सेल्स रिप्रेजेंटेटिव को पूरे जिले में रोजाना 100 से 120 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करनी पड़ती है। इस दौरान हादसे का खतरा भी बना रहता है। सेल्स रिप्रेजेंटेटिव बताते हैं कि सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है। उल्टे चौथा श्रम कानून लागू करने की तैयारी हो रही है। इसके लागू होने सेल्स रिप्रेजेंटेटिव असहाय बन जाएंगे। कंपनियां इस कानून का फायदा उठाकर शोषण करेंगी। विरोध करने पर ...
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