नई दिल्ली, जून 27 -- माना की उदारता, त्याग एक शख्स को हर दिल अजीज बना देते हैं, पर यह भी उतना ही सही है कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती। फिर चाहे बात आपके अपनों की हो या फिर उनके प्रति आपके त्याग और उदारता की। यकीन मानिए कि आपकी जरूरत से ज्यादा दरियादिली न सिर्फ आपके लिए घाटे का सौदा साबित होती है बल्कि आपके तथाकथित अपनों का मिजाज भी बिगाड़ सकती है। हमें हमेशा से सिखाया जाता है - जो तेरा है, वो सबका है या फिर देते चलो, भगवान तुम्हें देगा। पर, कई बार जरूरत से ज्यादा मिलना या देना जरूरत और आवश्यकता के संतुलन को बिगाड़ देता है। आपकी उदारता को कुछ लोग आपकी मजबूरी समझ सकते हैं और आप कुछ वक्त बाद खुद को ठगा पाती हैं। भलाई करना एक बात है, लेकिन अगर हम हर समय दूसरों की खुशी के लिए अपनी सीमाएं लांघते रहें, तो इसका असर हमारे रिश्तों पर भी पड़...
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