कन्नौज, फरवरी 19 -- कन्नौज। कन्नौज को रोज सुबह उठकर चमकाने वाले सफाईकर्मियों की जिंदगी अंधेरे में है। सफाई के एवज में न तो समय पर मेहनताना मिलता है और न ही संसाधन। ये बिना सेफ्टी किट और वर्दी के नाले और नालियों में उतरते हैं। सफाई के दौरान कई बार हाथ-पैर कांच और पत्थर से घायल हो जाते हैं। इसके बाद भी इनकी कोई सुनने वाला नहीं है। ली-मोहल्लों में फैले कूड़े कचरे से लेकर छोटे-बड़े नालों में जमा गंदगी उठाकर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में दिन रात जुटे रहने वाले सफाई कर्मियों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। सैलरी के अलावा न तो इन्हें एरियर मिलता है न ही अन्य संसाधन। इसके अलावा स्थायी कर्मियों की तरह सर्दी से बचाव के लिए वर्दी और सेफ्टी किट भी नहीं दी गई है। सफाईकर्मी दीपक कुमार ने बताया कि फटे दस्ताने और जूते पहनकर नाले और नालियों की सफाई करते ...
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