मुंबई, अप्रैल 9 -- बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर विवाह कानूनी रूप से रजिस्टर है, तो यौन संबंधों के लिए सहमति मान्य होती है और इसके लिए धार्मिक समारोह की आवश्यकता नहीं है। इस फैसले के साथ, कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को रद्द कर दिया। इस केस में शख्स की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह का वादा करके यौन संबंध स्थापित किए थे, लेकिन बाद में वह वादा पूरा नहीं किया। हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी और शिकायतकर्ता (पत्नी) के बीच पहले से एक वैध विवाह था, भले ही वह धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न न हुआ हो। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति निवेदिता मेहता की पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि जब दोनों पक्षों के बीच एक कानूनी रूप ...