लखनऊ, दिसम्बर 18 -- राजधानी में अब ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाना आसान नहीं होगा। अगर आप यह समझते हैं कि केवल वाहन चलाना जान लेने भर से आपको लाइसेंस मिल जाएगा, तो आप गलत हैं। नए साल से परिवहन विभाग ड्राइविंग टेस्ट की पूरी प्रक्रिया को हाईटेक करने जा रहा है। अब परमानेंट डीएल के लिए आवेदकों को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के 'एट ट्रैक' (आठ अंक की डिजाइन) पर अपनी काबिलियत साबित करनी होगी। लखनऊ के उदेत खेड़ा मौंदा में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन पर अत्याधुनिक सेंटर तैयार हो चुका है। यहां मैनुअल टेस्ट के बजाय सेंसर और कैमरों के जरिए आवेदक की कुशलता मापी जाएगी। कार और बाइक चालकों को ट्रैक पार करने के लिए 3.25 मिनट का समय मिलेगा। ट्रक चालकों के लिए पैरलल पार्किंग, ग्रेडिएंट (चढ़ाई) और रिवर्स के लिए अलग-अलग समय सीमा निर्धारित ...