गोरखपुर, मार्च 18 -- भटहट, हिन्दुस्तान संवाद। नाहरपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन बद्रीनाथ धाम से आए कथा व्यास आचार्य मनोज चमोली ने कहा कि परमात्मा के दो स्वरूप हैं। एक निराकार और दूसरा सकार। ज्ञानी परमात्मा को निराकार स्वरूप में भजते हैं तथा भक्तजन साकार रूप में भगवान का भजन करते हैं मगर वास्तविकता यह है कि सृष्टि के आरंभ से लेकर प्रलय तक भगवान ही सत्य हैं। व्यास ने कहा कि इसीलिए मनुष्य मात्र को भगवत प्राप्ति का साधन करते रहना चाहिए क्योंकि यह मानव का शरीर बार-बार नहीं मिलने वाला। सुंदर-सुंदर भजनों से श्रोताओं का मंत्र मुक्त कर दिया। इस अवसर पर मुख्य जजमान संतराज यादव ने सब पत्नी द्वारा ठाकुर जी का पूजन किया गया। वेद मित्रों के द्वारा आचार्य जगमोहन मिश्रा के सानिध्य में सभी आचार्य ने मूल परायण का कार्य विधि पूर्वक किया। इस ...