पूर्णिया, जुलाई 31 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। किलकारी में छः दिवसीय सृजनात्मक लेखन-कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक त्रिदीप शील ने बताया कि किलकारी में छः दिवसीय सृजनात्मक लेखन-कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें विशेषज्ञ व पटना किलकारी के लेखन प्रशिक्षक सम्राट समीर से बच्चों ने काफी कुछ जाना, समझा और सीखा। पहले दिन के पहले सत्र में बच्चों से परिचय हुआ फिर सृजनशीलता पर सबके साथ बहुत सहज बातचीत हुई। वहीं दूसरे सत्र में कविता लेखन को लेकर कई सारी गतिविधियां हुईं। इसी क्रम में सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविताएं मचलने लगीं अक्की-बक्की करें तरक्की,गेहूं छोड़ के बोएं मक्की। तो दूसरी कविता महंगू ने मंहगाई में, पैसे फूके टाई में फिर भी मिली न नौकरी, औंधे पड़े चटाई में जैसी कविताएं सुनकर बच्चे लिखने को जिज्ञासु हो उठे। उन्हे...
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