लखीमपुरखीरी, सितम्बर 8 -- गोला गोकर्णनाथ, संवाददाता। पितृपक्ष की शुरुआत के साथ ही खग्रास चंद्र ग्रहण का धार्मिक प्रभाव नगर में साफ दिखाई दिया। सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से लगते ही नगर के पौराणिक शिव मंदिर समेत सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। भारतीय मानक समयानुसार चंद्र ग्रहण का स्पर्श रात्रि 9:57 बजे, मध्य 11:41 बजे और मोक्ष 1:27 बजे हुआ। ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिरों की शुद्धि कर पुनः आरती व प्रसाद किया गया। ग्रहण के दौरान परंपरा अनुसार भोजन सामग्री में कुश और तुलसी पत्र डाल दिए गए थे ताकि उनकी पवित्रता बनी रहे। भक्तों ने ग्रहण काल में मंत्रोच्चार व भजन-कीर्तन करते हुए समय व्यतीत किया।

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