जमशेदपुर, अक्टूबर 13 -- सूचनाधिकार वह शक्ति है, जिसकी बदौलत एक साधारण व्यक्ति भी सरकार से सवाल पूछ सकता है। यह नागरिक को सशक्त जबकि सरकार एवं प्रशासन को जवाबदेह बनाता है। उन्होंने ये बातें आरटीआई दिवस पर एमएनपीएस सभागार में रविवार को आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके पाणि ने कहीं। इसका आयोजन आरटीआई कार्यकर्ता संघ और झारखंड ह्यूमन राइट एसोसिएशन की ओर से संयुक्त रूप से किया गया था। नागरिकों को सशक्त बनाना, जवाबदेही को बढ़ावा देना, पारदर्शिता लाना एवं सूचना का अधिकार और पारदर्शिता लोकतंत्र की नींव है, विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ. पाणि ने कहा कि सूचनाधिकार कानून की नींव 1976 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर राजनारायण बनाम सरकार मुकदमा में ही पड़ गई थी। अगर समय सीमा में जवाब नह...