नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद जज समुचित सुविधाओं की कमी के चलते न्यायाधिकरणों में न्यायिक सदस्य बनने को तैयार नहीं हो रहे। अदालत ने इसके लिए केंद्र को जिम्मेदार बताया। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि पूर्व जज को कोई खर्च नहीं दिया जाता। उन्हें भीख मांगते रहना पड़ता है, हमें स्टेशनरी दो, हमें आवास दो। क्या आप पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और जज के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं? जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और आर. महादेवन की पीठ ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)के न्यायिक सदस्यों के रूप में नियुक्ति से सेवानिवृत्त जज द्वारा इनकार करने से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को एनजीटी में खाली सदस्यों के पदों को भरने में तेजी लाने का निर्देश दिया। पीठ एनजीटी बार ...