नई दिल्ली, नवम्बर 18 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह जरूरी न्यायिक बुनियादी ढांचा मुहैया कराए ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि अदालतें दिन-रात काम करें। अदालत ने कहा कि इससे देश के खिलाफ तथा जघन्य अपराधों में शामिल आरोपियों के खिलाफ मुकदमा छह माह में पूरे होंगे और उन्हें लंबी सुनवाई के आधार पर जमानत नहीं मिल सकेगी। जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुइयां और एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने गंभीर मामलों में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे के त्वरित निपटारे की वकालत करते हुए यह निर्देश दिया है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यदि मुकदमा छह माह में पूरा हो जाता है तो आरोपियों को लंबी सुनवाई के आधार पर जमानत नहीं मिल पाएगी। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी से कहा कि आप (केंद्र) बस जरूरी बुनियाद...