भागलपुर, जनवरी 31 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि बदलते परिदृश्य में अब सस्टेनेबल की जगह एक्सीलेंस डेवलपमेंट की जरूरत है। यह तभी संभव है कि किसी क्षेत्र की पहचान उसकी विशिष्टता से हो। हमें भागलपुर जिले को धर्मनगरी के रूप में पहचान स्थापित करनी होगी। यह तभी होगी, जब आस्था से जुड़े उत्पादों से अपनी पहचान हो। सुल्तानगंज से उठाए जाने वाले जल के लिए अपनी लुटकी हो। अपना जल हो तो फूल और बेलपत्र भी अपना हो। लुटकी को लपेटने वाला कपड़ा और अपना हो। पैकेजिंग भी अपनी हो। कृषि एवं उद्यान विभाग की जिम्मेदारी है कि इसके लिए रोडमैप बनाकर काम करें। उद्योग विभाग उद्योग स्थापित कराए और कृषि विभाग किसानों को फूल उगाने के लिए प्रशिक्षित करें। तिलकामांझी स्थित कृषि भवन परिसर में आयोजित तीन दिवसीय प्रमंडल स्तरीय उद्यान प्रदर्...
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