सुल्तानपुर, अक्टूबर 24 -- सूरापुर, संवाददाता। पुरानी बाजार सूरापुर में हनुमत रामलीला समिति की ओर से आयोजित 10 दिवसीय ऐतिहासिक व पारम्परिक रामलीला मंचन के दूसरे दिन राजा दशरथ चिंतित भाव में कुल गुरू बशिष्ठ व अपने सचिवों के साथ बैठ कर सलाह करते हैं कि चौथापन आ गया, किन्तु अयोध्या को अभी तक कोई वारिस नहीं मिला। गुरू की सलाह पर ऋंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया। यज्ञ से प्रसन्न हो अग्निदेवता ने राजा दशरथ को फल भेंटकर तीनों रानियों में बराबर बांट कर खाने को कहा। रानी कौशिल्या व कैकेयी ने अपने हिस्से से आधा- आधा फल सुमित्रा को दिया। जिसके परिणाम स्वरूप कौशिल्या को एक कैकेयी को एक व सुमित्रा से दो पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिनका नामकरण राम,भरत,लक्ष्मण व शत्रुघ्न के रूप में किया गया। राक्षसों व निसचरों से तंग मुनि विश्वामित्र राजा दशरथ से यज्ञ की र...