सुल्तानपुर, फरवरी 10 -- सुलतानपुर। भगवान ने हमें सत्कर्म के लिए ही भेजा है। किसी के साथ अच्छा न कर सकें तो उसका बुरा भी न करें। श्रीमद्भागवत पुराण हमें बताता है कि कलियुग में भगवान को प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय भक्ति है । यह बातें कथाव्यास बाबा बजरंगदास ने कहीं। वे क्षेत्र के पीपरगांव स्थित मजगीर बाबा धाम पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन परीक्षित जन्म और कर्म की कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा महाभारत युद्ध में गुरु द्रोण के मारे जाने से क्रोधित होकर उनके पुत्र अश्वत्थामा ने पांडवों को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र चलाया। इससे डरकर मां उत्तरा भगवान की शरण में गईं। तब सबके पालनहार कृष्ण ने उनकी रक्षा की । इस प्रकार भक्ति की शक्ति से अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ से परीक्षित का जन्म हुआ । जब परीक्षित राजा बने तो कलियुग का प्रथम चरण श...