सुल्तानपुर, मार्च 4 -- बरौंसा। कलयुग में भगवान को प्राप्त करना है तो उनसे प्रेम करिए, भगवान कण-कण में विद्यमान हैं। ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास रखें। तभी जीवन सफल होगा। यह बातें, जगतगुरु रामानन्दाचार्य नरेंद्राचार्य की शिष्या कथा वाचिका स्वरूप श्रुति ने कही। वे सोमवार को अठैसी लबदेहा में श्रीकथा ज्ञान यज्ञ के पहले दिन प्रवचन कर रही थी। मीरा की भक्ति के प्रसंग का वर्णन करते हुए श्रुति ने कहा मीरा बाई ने अपने अराध्य प्रभु कृष्ण के लिए जहर के प्याले को भी हंसते हुए पी लिया। मीराबाई ने अपने आराध्य कृष्ण को पति के रूप में स्वीकार किया था। उन्होंने अपने जीवन में आए दुखों-कठिनाइयों के बावजूद कृष्णभक्ति को नहीं छोड़ा। मीराबाई के बालमन में कृष्ण की ऐसी छवि बसी थी कि यौवन काल से लेकर मृत्यु तक उन्होंने कृष्ण को ही अपना सब कुछ माना। कथा वाचिका न...