छपरा, अक्टूबर 31 -- छपरा, एक संवाददाता। विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को हिंदुस्तान अखबार के वन मिनट कार्यक्रम में विचारों का मंथन हुआ। विषय था- नेताओं को सुरक्षा की इतनी जरूरत क्यों?। कार्यक्रम में लोगों ने कहा कि सुरक्षा जरूरी है, पर यह भी देखना होगा कि आम जनता खुद को कितना सुरक्षित महसूस कर रही है। कई लोगों ने सवाल उठाया कि चुनाव के वक्त सैकड़ों जवान किसी एक नेता की सुरक्षा में तैनात रहते हैं, जबकि गांव और कस्बों में पुलिस गश्ती बहुत कम दिखती है। प्रतिभागियों ने कहा कि सुरक्षा का अर्थ भय से नहीं, विश्वास से होना चाहिए। जब जनता और नेता के बीच संवाद और भरोसे की दीवार मजबूत होगी, तो बंदूक और बैरिकेड की जरूरत घटेगी। कई वक्ताओं ने यह भी माना कि राजनीति में बढ़ती कटुता और उन्माद ने सुरक्षा की आवश्यकता को...