गोरखपुर, मई 18 -- गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। दस दिन के भीतर हुई यह दोनों घटनाएं बानगी मात्र हैं। इस तरह की घटनाओं की एक लम्बी फेहरिस्त है। हाल यह है कि खुद की रक्षा के लिए रखे जाने वाले लाइसेंसी असलहे अब अपनों की जान लेने लगे हैं। बात इतनी ही नहीं है। हत्या और हत्या के प्रयास के पिछले दस साल में 56 मामले इसी तरह के आए हैं जिसमें लाइसेंसी असलहों से इन्हें अंजाम दिया गया है। हालांकि आत्महत्या के आंकड़े इससे अलग है। अगर उन्हें भी जोड़ दें तो यह आंकड़ा 109 तक पहुंच जाता है। लाइसेंसी असलहे से आत्महत्या की दर्जनों घटनाएं हुई हैं चाहे वह गोरखनाथ क्षेत्र में एनआरएचएम से रिटायर्ड डॉक्टर की आत्महत्या हो या फिर कैंट में व्यापारी की दोनों के घर में आज भी मातम है। केस-1 बड़हलगंज के चौतिसा में तीन मई 2025 की रात में रिटायर्ड होमगार्ड हरि नरायन यादव ने ...