आगरा, फरवरी 2 -- ताजनगरी की यमुना नदी से लगभग पांच से छह मीटर गहराई तक जमा सिल्ट व गंदगी को हटाने, यमुना की तलहटी को उसकी पूर्व स्वाभाविक स्थिति में लाने, यमुना की नियमित रूप से गंदगी हटाने और किसी विशेषज्ञ संस्था से ड्रेजिंग व डीसिल्टिंग से नदी किनारे और स्मारकों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 12 मार्च को सुनवाई करेगा। आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन की तरफ से शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता केजी जैन की साल 2019 की याचिका पर सुनवाई की तिथि लगी है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि नवंबर-2019 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की थी। इस पर नोटिस पक्षकारों को 11 दिसंबर-2019 को जारी किए गए थे। जल शक्ति मंत्रालय व उत्तर प्रदेश शासन की ओर से अपना जवाब साल 2020 में दाखिल कर दिया गया। 30 जनवरी-2024 को उनके किए अनुरोध पर सुप...