नई दिल्ली, जुलाई 14 -- सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस कार्यकर्ताओं के कथित आपत्तिजनक कार्टून सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोपी एक कार्टूनिस्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का 'दुरुपयोग' हो रहा है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने आरोपी कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील वृंदा ग्रोवर से कहा कि आप (याचिकाकर्ता) यह सब क्यों करते हैं? ग्रोवर ने कहा कि यह मामला 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान बनाए गए एक कार्टून को लेकर है। उन्होंने कहा कि यह (कार्टून) अरुचिकर हो सकता है। मैं कहना चाहूंगी कि यह घटिया भी है, लेकिन क्या यह अपराध है? जज ने कहा कि यह आपत्तिजनक हो सकता है, लेकिन यह अपराध नहीं...