पटना, अप्रैल 26 -- वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय में केन्द्र सरकार की ओर से दाखिल जवाब पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। यह संविधान के मूल सिद्धांतों से मेल नहीं खाता। केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है, जो संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है। यह बातें इमारत-ए-शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साईदुर रहमान कासमी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहीं। मुफ्ती कासमी ने आगे कहा कि यदि कोई कानून संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बनता है तो न्यायालय को यह अधिकार है कि वह केंद्र सरकार को उस कानून की समीक्षा करने या उसे बदलने के लिए कहे या उसे अमान्य घोषित कर दे।

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