नई दिल्ली, अगस्त 7 -- सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। जस्टिस वर्मा ने याचिका में आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य करार देने का अनुरोध किया था। समिति की रिपोर्ट में उन्हें नकदी बरामदगी मामले में कदाचार का दोषी ठहराया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जस्टिस वर्मा का आचरण विश्वास से परे है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए. जी. मसीह की पीठ ने कहा कि इस पक्रिया का पूरी कड़ाई से पालन किया गया था। पीठ ने कहा कि जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। यह जस्टिस वर्मा के लिए एक बड़ा झटका है। जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास के स्टोर रूम में लगी आग के दौरान बड़ी मात्रा में अधजली नकदी बरामद हुई थी। जस्टिस वर्मा ने आठ मई की उस सिफारिश को रद्द करने का भी अनुरोध किया था जिसमें भ...