नई दिल्ली, जून 30 -- सुप्रीम कोर्ट के जज उज्जवल भुइयां ने कानून बनाने में न्यायाधीशों की भूमिका को लेकर कह दी बड़ी बात कही है। जस्टिस भुइयां ने कहा है कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि जज कानून बनाने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि इस तरह की धारणा का कोई कानूनी या संवैधानिक आधार नहीं है। इस दौरान जस्टिस भुइयां ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का भी जिक्र किया। जस्टिस भुइयां महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा पूर्व सुप्रीम कोर्ट जस्टिस अभय एस ओका के लिए आयोजित विदाई समारोह में बोल रहे थे। जस्टिस भुइयां ने कहा कि संविधान ने सुप्रीम कोर्ट को संसद द्वारा बनाए गए कानूनों की पड़ताल करने और संविधान के अनुरूप नहीं पाए जाने पर ऐसे कानूनों का रद्द करने का भी अधिकार दिया है। ऐसे में यह कहना उचित नहीं होगा कि...