देवरिया, सितम्बर 9 -- देवरिया, निज संवाददाता। देश की शीर्ष अदालत (सुप्रीम कोर्ट) के निर्णय ने शिक्षकों की बेचैनी बढ़ा दी है। टीईटी परीक्षा (शिक्षक पात्रता परीक्षा) से किसको छूट मिलेगी और किसको नहीं, इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कई शिक्षकों को अब डर सताने लगा है कि कहीं फैसले की जद में उनकी भी नौकरी न आ जाए। नौकरी बचाने को शिक्षक जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे हैं। बीते 01 सितंबर को महाराष्ट्र से जुड़े एक मामले में देश की शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाया तो कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले शिक्षकों में हड़कंप मच गया। दरअसल न्यायालय ने जिन शिक्षकों की सेवानिवृति अवधि पांच साल से अधिक बची है, उन सभी को सेवा में बने रहने या पदोन्नति पाने को टीईटी अनिवार्य कर दिया है। टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने को शिक्षकों को दो वर्ष का समय दिया गया है। परीक्...