नई दिल्ली, अगस्त 11 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिका में राज्य निर्वाचन आयोगों (एसईसी) को राजनीतिक दलों की ऐसी कथित अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की गई थी, जो देश की संप्रभुता, अखंडता को कमजोर कर सकती हैं। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर की पीठ ने कहा कि जनहित याचिकाएं (पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन) जरूरी हैं, लेकिन जनहित याचिकाओं के नाम पर हम प्रचार हित याचिकाओं (पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लिटिगेशन) की अनुमति नहीं दे सकते। पीठ ने सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने की प्रथा पर भी नाराजगी जताई। याचिका घनश्याम दयालु उपाध्याय नामक व्यक्ति ने दायर की। मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें चेतावनी देते हुए पूछा कि आप मुंबई हाईकोर्...