रवि कुमार, अगस्त 8 -- साल 1990 के बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रमोद कुमार सिंह को 4256 वोटों से हराकर बिजेंद्र प्रसाद यादव ने सुपौल को फतह कर ऐसा अभेद्य किला बनाया कि अब तक उसे प्रतिद्वंद्वी ढह नहीं पाए। इसके बाद से न केवल उनकी जीत का सिलसिला चलता रहा है, बल्कि जीत का अंतर भी लगातार बढ़ता गया। इस दौरान उनके प्रतिद्वंद्वी बदलते रहे। हर साल कोसी की बाढ़ की विभीषिका झेलने वाला सुपौल इन साढ़े तीन दशकों में बदल गया। यह अनुमंडल से जिला बना। सुपौल संसदीय क्षेत्र भी बन चुका। सुपौल विधानसभा क्षेत्र जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का सुरक्षित या अभेद्य किला बना रहा। इस बार साल 225 के विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन के लिए जदयू के इस दुर्ग को भेद पाना बड़ी चुनौती होगी। सुपौल विधानसभा सीट पर आजादी के बाद पहली बार (1952) में हुए चुनाव...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.