सुपौल, अप्रैल 14 -- सुपौल, हन्दिुस्तान प्रतिनिधि। अब इसे जानकारी का अभाव कहें या नियमों अनदेखी। जिले में निजी स्कूलों द्वारा लगातार निजी प्रकाशन किताब, प्रिंटेड कॉपी सहित अन्य माध्यमों से अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है तो विभाग गाइडलाइन के अभाव में खुद को कार्रवाई से बेबस बता रहा है। मजे की बात तो यह है कि सीबीएसई से इसको लेकर मार्गदर्शिका भी जारी की जा चुकी है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि सीबीएससी का गाइडलाइन जारी होने के बावजूद विभाग इससे सच में अंजान है या फिर जांच और कार्रवाई से बचने का यह एक फार्मूला है? हालांकि शक्षिा विभाग ने अब सीबीएससी का गाइडलाइन संज्ञान में आने के बाद जांच की बात कही है। विभाग की मानें तो सीबीएसई और बिहार बोर्ड के लिए एक सिलेबस नर्धिारित है। सीबीएसई वाले स्कूलों में मुख्य विषय एनसीईआरटी प्रकाशन का ही इ...