सुपौल, नवम्बर 22 -- बलुआ बाजार, एक संवाददाता। 2008 में आई कुसहा त्रासदी की प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका से आज भी कोसी क्षेत्र के लोग सिहर उठते हैं। कुशहा की विभीषिका ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया था। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। इसी त्रासदी के बाद बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष एवं पुनर्वास योजना के तहत बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र की 14 पंचायतों में बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण वर्ष 2010-14 के बीच करवाया था। करीब एक करोड़ की लागत से बने ये पक्के भवन लोगों के लिए संकट की घड़ी में एक मजबूत सहारा साबित होने की सोच के साथ बनाए गए थे। लेकिन मौजूदा समय मे यह सभी स्थल प्रशासनिक उपेक्षा के शिकार होकर जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। विभागीय देख -रेख व निगरानी नहीं होने के कारण बाढ़ आश्रम स्थल सर्पो का रेन बसेरा बना हुआ है । यही नहीं आश्रय स्थल को ...