सुपौल, सितम्बर 27 -- पिपरा, एक प्रतिनिधि। दुर्गा मन्दिर में सदियों पुरानी बंगाली परंपरा से दशहरा पर्व मनाया जाता है। बंगाली परंपरा से मन्दिर में होने वाली पूजा को देखने दूरदराज से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। मन्दिर सजावट का कार्य पूरा हो गया है। खास बात यह कि माता दुर्गा की प्रतिमा में लगने वाले सभी प्रकार के अंग वस्त्र हो अथवा आभूषण सभी चीजें बंगाल से मंगाई जाती हैं। बंगाली रीति-रिवाज से होने वाली पूजा पद्धति में शामिल बंगाली पुरोहित ही सभी प्रकार के बिधि बिधान सम्पन्न करते हैं। मन्दिर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने बताया कि वर्ष 1958 से पूर्व कच्चे घर में मन्दिर निर्माण कराया गया। मंदिर निर्माण में मुख्य रूप से मधुसूदन डे व शारदा प्रसाद डे ने मंदिर निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई। तब से मंदिर में बंगाली पूजा पद्धति से दुर्गा पूजा होती चली आ रह...