सुपौल, दिसम्बर 1 -- सुपौल, वरीय संवाददाता। आपराधिक कृत्यों में शामिल रहे नाबालिग किशोरों के आवासन व देखरेख तथा संरक्षण को लेकर सुखपुर सोमवार को जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने पर्यवेक्षण गृह का उद्घाटन किया। यहां वैसे विधि विवादित किशोरों को रखा जाएगा जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम तथा उनके बारे में किसी भी प्रकार के अपराध की सूचना दी गई हो। दरअसल, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अनुसार विधि विवादित बालक उन्हें कहा जाता है, जिनकी आयु 18 वर्ष पूरी नहीं हुई हो। साथ ही जिनके बारे में किसी अपराध के किये जाने की सूचना दी गई हो। ऐसे बच्चों के मामलों पर विचार एवं न्याय-निर्णयन पर्यवेक्षण गृह परिसर में ही संचालित किशोर न्याय परिषद् द्वारा किया जाता है। गौरतलब है कि सुपौल में पर्यवेक्षण गृह की स्थापना से पूर्व यहां के विधि विवादि...