भागलपुर, मई 17 -- त्रिवेणीगंज। निज संवाददाता दवा दुकानदारों की स्थिति कठिन होती जा रही है, ये कहना है मुख्यालय के दवा दुकानदारों का। कहा कि जहां एक समय ये स्वास्थ्य सेवा का अहम हिस्सा हुआ करते थे, आज वही अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। एक ओर डॉक्टरों द्वारा अपनी खुद की दवा दुकान खोलने से इनका व्यापार ठप पड़ रहा है तो दूसरी ओर ऑनलाइन फार्मेसी, जेनेरिक दवा दुकानों और भारी छूट देने वाली दवा चंद दुकानों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। कोरोना महामारी के दौरान जब हर कोई घरों में कैद था तब यही दवा दुकानदार अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों तक जरूरी दवाएं पहुंचा रहे थे। आज उनकी मेहनत को कोई मान्यता नहीं मिल रही है। समाज के हर वर्ग को इस कारोबार से जुड़े लोगों की जरूरत पड़ती है। सेवा देने के लिए इस कारोबार से जुड़े लोग 24 घंटे तत्पर रहते हैं। उ...
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